आज पूरे विश्व में जल की कमी एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है, और इस समस्या से उभरने के लिए एकमात्र निवारण है जल बचाओ और इसका सही इस्तेमाल और इसे ही हम जल संरक्षण के नाम से भी नहीं जानते हैं। भारत ही नहीं पूरी दुनिया जल की समस्याओं से ग्रसित है इससे आम जनजीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है।
पूरे संसार में यह समस्या केवल जल की बर्बादी की वजह से उत्पन्न हुआ है । कई जगहों पर जल की वास्तव में कमी है, वहां के लोगों को बहुत बड़ी दूरी तय करके अपने रोजमर्रा के काम में आने वाली जल को लाना पड़ता है, वहीं दूसरी जगह देखे तो जल की बहुत ही अधिक बर्बादी भी हो रही है, उनके पास पर्याप्त मात्रा में जल होने के बावजूद भी बर्बादी की वजह से परेशान हैं। हमें जल संरक्षण के लिए यह समझना आवश्यक है की इसे सही इस्तेमाल कैसे करें।
अगर इसी तरह भविष्य में भी जल की बर्बादी होती रही तो पूरी दुनिया का जीवन नष्ट हो जाएगा। पूरी दुनिया जल से संबंधित कई आपदाओं से ग्रस्त है, निरंतर प्रकृति से खिलवाड़ के कारण ही ऐसी परिस्थिति आ पहुंची है और बढ़ती जनसंख्या में स्वच्छ जल की कमी है ऐसे में जल संरक्षण बहुत ही आवश्यक है। पूरी धरती 70% जलीय भाग से भरा है और उसमें केवल 3% ही पीने योग मीठा पानी है और इसमें से भी हम केवल 1% जल का उपयोग कर पाते हैं।
जल संरक्षण के उपाय:-
- इस्तेमाल किए हुए जल का पुण: प्रयोग करना।
- खाली जगहों पर , सड़क के किनारे इत्यादि जगह पर वृक्षारोपण कर के हम दुनिया में जल संचय कर सकते हैं।
- शौचालय के इस्तेमाल के लिए खारे पानी (समुद्री पानी ) अथवा बरसाती पानी का इस्तेमाल करते हुए हम बहुत जल बचाव कर सकते हैं।
- फॉसेट एरेटर्स का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर भी हम जल संरक्षण में मदद ले सकते हैं [फॉसेट एरेटर्स ‘गीलेपन का प्रभाव’ बनाये रखने के लिए जल के प्रवाह को छोटे-छोटे कणों में तोड़ देता है]। इसका एक अतिरिक्त फायदा यह है कि इसमें हाथ या बर्तन धोते वक़्त पड़ने वाले छींटे कम हो जाते हैं।
- इस्तेमाल किये हुए पानी का रिसाइकिलिंग: कर शौचालय में पानी देने या बगीचो में फूलों, पेड़ो आदि को पानी देना इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इन्फ्रारेड से चलने वाले नल, जो जल के छोटे बर्स्ट का उपयोग कर जल बचा सकते हैं।
- वर्षा का पानी एवं घर से निकलते हुऐ पानी को इकट्ठा करके इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- कुएं आदि का निर्माण कर भी हम जल संरक्षण बहुत ही आसानी से कर सकते हैं।
- जल-संचयक वाष्प स्टेरिलाइज़र्स, अस्पतालों आदि में अधीक उपयोग किया जाना चाहिए।
- भूजल संसाधनों को प्रदूषण से बचाते हुए निवारक उपाय करना जल संरक्षण का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
- जल बहुत ही मत बोल स्रोत है तथा इसे पानी के द्वारा घरों सड़कों और लोन में डाल कर नष्ट ना करें।
जल संरक्षण के कुछ सामाजिक उपाय:-
- नहाते वक्त अधिक जल की बर्बादी से बचें।
- कपड़ों तथा अन्य सामग्री को धोते समय नलो का खुला न छोड़े ।
- पानी के नल को खुला न छोड़ें ।
- तालाबों, नदियों अथवा समुद्र को प्रदूषित ना करें।
- समय-समय पर घर के नलों के रिसाव को जांच कर ठीक करें।
- अपने घर से निकलने वाले पानी को का गड्ढे खोदकर संच संचय करें और उससे अपने अन्य कार्यों में उपयोग करें।
- ब्रश करते वक्त नल को बंद रखें तथा आवश्यकता पड़ने पर ही इस्तेमाल करें।
- बारिश के वक्त अपनी छतों पर वर्षा का पानी रोकने के लिए बाल्टी जैसे सामग्रियों में जल का संचय कर उसे अपने घरेलू इस्तेमाल में लाएं।
- कृषि कार्यों में भी नई तकनीक का इस्तेमाल कर जल संरक्षण में योगदान दें।
- फुहारे से नहाने के बजाय बाल्टी और मग का प्रयोग करें जो प्रति वर्ष 150 से 200लीटर पानी बचायेगा।
कृषि क्षेत्र में जल संरक्षण:-
- हमारे भारत देश में सर्वाधिक जल का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में होता है तथा हम नई तकनीकों का इस्तेमाल कर जल संरक्षण कर सकते हैं।
- कृषि क्षेत्रों में हम मानसून से पहले जुताई कर खेतों में नमी बनाए रखने में मददगार साबित होता है।
- मिट्टी में जैविक खादों का इस्तेमाल कर भी काफी दिनों तक जल संरक्षित रख सकते हैं।
- पहाड़ी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण कर के भी जल संरक्षण में बहुत मदद मिलती है।
- कई सारे ऐसे फैसले होते हैं जिनमें जल की कम आवश्यकता पड़ती है वैसे जगह पर फव्वारा का भी इस्तेमाल किया जा सकता है जल संरक्षण में।
- ड्रिप सिंचाई प्रणाली से सब्जियों की , खेती जल संरक्षण में बहुत ही कारगर सिद्ध होता है।
- गांव में कुएं और तालाबों में वर्षा के जल का संचय भी खेती में काम आता है।
निष्कर्ष:-
पृथ्वी पर जीवन यापन के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्रोत जल का है क्योंकि बिना जल के किसी का भी जीवन संभव नहीं है या तो वह इंसान हो जानवर हो या वह पेड़ पौधे हों। हर एक जीव के जीवन में जल की आवश्यकता पड़ती है जैसे कि कृषि करने के लिए भोजन बनाने के लिए नहाने के लिए कपड़े धोने के लिए तथा इत्यादि कामों के लिए जल की आवश्यकता रोजाना पड़ती है। तथा मैं अपने पाठकों को यह बताना चाहूंगा कि जल की कम से कम प्रयोग करें और सही इस्तेमाल करें क्योंकि भविष्य में इसी तरह बर्बादी होती रही तो कोई भी जिओ जिंदा नहीं रहे पाएगा इसीलिए आप सभी जल का सही से इस्तेमाल करें और इसे प्रदूषित होने से भी बचाएं तथा पानी की गुणवत्ता बनाए रखें।