क्या आप जानते हैं जिस शाम को हम लोग घर साल खाते हैं उस आम का एक बहुत बड़ा इतिहास हैं तो आज से आपको उसी इतिहास के बारे में बताऊंगी जैसे कि हम जानते हैं गर्मियों का मौसम आने ही वाला है और इस चुभती जलती गर्मी के मौसम में आम के ऐसा फल है जो हमारे तन मन दिमाग सबको अपनी खुशबू रस वो मिठास से ठंडी कर देती है। काफी लोगों को तो सिर्फ आम के वजह से ही गर्मियों का इंतजार रहता है। अपने मिठास खुशबू व रस की वजह से आम को फलों का राजा भी कहा जाता है। विज्ञान के अनुसार राम का वैज्ञानिक नाम मैगनिफेरा इंडिका है।
आम का इतिहास
क्या आपको पता है ऐसे फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में ही पाई जाती थी। इसके पश्चात यह प्रजाति आन्य देशो में भी पाई जाने लगी। इस प्रजाति के आम का सबसे अधिक उत्पादन भारत में ही होता है। यह भारत,पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रीय फल माना जाता है। तथा बांग्लादेश मे आम के पेड़ को राष्ट्रीय पेङ का दर्जा भी दिया गया है। भारतीय उपमहाद्वीप में आम की खेती कई सौ सालो से की जा रही है।इसके पश्चात ही अमेरिका ने भी आम की खेती शुरू हो गई थी। चौथी शताब्दी से आम की खेती भारत में शुरू हुई थी।दसवी शताब्दी से अमेरिका में तथा चौदहवी शताब्दी तक ब्राजील वेस्टइंडीज मेक्सिको एवं अन्य स्थानों पर इसकी खेती होने लगी। इसका सर्वप्रथम नामांकन संस्कृत भाषा में ही हुआ था आम्र तथा इसके पश्चात इसे हिंदी मराठी बंगाली आदि भाषाओं में आम नाम से पढ़ा जाने लगा।
आम का उत्पादन
आज दुनिया के हर देश में आम का उत्पादन होता है। दुनिया में 41% आम का उत्पादन भारत से होता है।भारत के अलावा चीन तथा थाईलैंड आम के सबसे बड़े उत्पादक हैं। आम संशोधन केंद्र भारत के उत्तर प्रदेश लखनऊ तथा महाराष्ट्र के बेंगलुरु में है।आम के पेड़ भले ही साल में एक या दो बार फल देता है। लेकिन आम के पत्ते डालो में एक के बाद एक पूरे साल आते रहते हैं।इसी कारण आम के पत्तों को सदाबहार कहा जाता है।
आम को भारत तथा कई अन्य देशों के राष्ट्रीय फल का दर्जा दिया गया है।यह फल रस से भरा हुआ होता है।गर्मियों के दिनों में हम इसके रस का भरपूर आनंद लेते हैं।यह विभिन्न विभिन्न प्रकार का होता है।तथा यह ना सिर्फ पीला बल्कि कई सारे अन्य रंग जैसे नारंगी हरा लाल पीला आदि रंगों के भी होते हैं। यह गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा बिकने वाला फल है।यह ना सिर्फ स्वदेश में बल्कि विदेशों में भी लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। आम के अंदर कई तरह के विटामिन भी पाए जाते हैं जैसे विटामिन ए विटामिन सी विटामिन डी आदि। इसका अर्थ यह निकलता है कि आप में स्वाद के साथ-साथ कई सारे पोस्टिक तत्व भी होते हैं। ना सिर्फ आम बल्कि उसका पेड़ और उसकी पत्तियां भी बड़े काम की होती हैं।आम के पत्तों को कई सारे शुभ कार्य जैसे पूजन गृह प्रवेश इत्यादि में प्रयोग किया जाता है। ना सिर्फ पूजन कार्यों में आम का पत्ता प्रयोग होता है। बल्कि आम के पत्ते में औषधीय गुण होते हैं यह कई रोगों से निजात पाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। आम के पत्तों से दवाइयां और लेप बनाया जाता है। जो कई बीमारियों में मददगार साबित होती है परंतु यदि हम आम के पत्तियो या मलबे को जलाएंगे तो यह हमारे वायु के लिए हानिकारक है। क्योंकि इससे रसायन निकलता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। वैसे तो सभी पेड़ कई जानवरों के रहने की जगह होती है।उसी तरह आम का पेड़ भी बड़ा होने के कारण ना जाने कितने कीड़े मकोड़ों तथा पशु पक्षियों को अपनी टहनियों में आश्रय देता है।
आम की टहनियां पूजन के दौरान हवन में काम आती है। आम का पेड़ कितना भी पुराना हो परंतु यह फिर भी फल देता है। आम के करीबन 100 प्रजातियां हैं। आम का प्रयोग चॉकलेट आचार पापड़ चटनी मुरब्बा मिल्क शेक आमरस मैंगो जूस इत्यादि बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। आम के अंदर गुठली और उसके अंदर बीच होने के कारण एक नया पेङ उपजाया जा सकता है। आम से यह सब बनाकर या आम की खेती करके भी लोग अपना घर चला सकते हैं यानी आर्थिक लाभ कमा सकते हैं।
आम चाहे खट्टा हो या मीठा यह सदैव लोगों को भाती है। जितनी बिक्री मीठे आम की होती है उतनी ही बिक्री कच्चे आम की भी होती है। दुनिया में शायद ही कोई होगा जिसे हम पसंद ना हो। यह बच्चों से लेकर बूढ़े तक सबको भाती है।इसलिए यह फलों का राजा और हमारा राष्ट्रीय फल माना जाता है।