जानते हैं, अश्वगंधा क्या है, कहां पाया जाता है और इसके फायदे और नुकसान

विथानिया सोम्निफेरा डनल (अश्वगंधा) भारतीय आयुर्वेदिक प्रणाली की एक बहुत ही प्रतिष्ठित जड़ी बूटी है, जिसे रसायण (टॉनिक) कहा जाता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की रोग प्रक्रियाओं और विशेष रूप से तंत्रिका टॉनिक और कामोद्दीपक के रूप में किया जाता है। अश्वगंधा (संस्कृत), आसन्धा (हिंदी), आमकुलंग (तमिल), नागोरी (राजस्थानी) आदि।

यह संयंत्र भारत का मूल निवासी है। यह भारत के नम और शुष्क भागों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमालय में 5000 फीट तक उगाया जाता है। जहाँ अश्वगंधा की खेती आय का मुख्य स्रोत है। यह श्रीलंका, अफगानिस्तान और बलूचिस्तान, पाकिस्तान जैसे देशों और भूमध्यसागरीय क्षेत्र में भी उगाया जाता है।

अश्वगंधा का पौधा कैसे लगाया जाता है?

इसकी खेती रेतीली दोमट या हल्की लाल मिट्टी में अच्छी जल निकासी और पीएच स्तर 7.5-8 के साथ की जाती है। चुने गए क्षेत्र को बारिश के मौसम से पहले जुताई या हैरो द्वारा अच्छी तरह से पाला जाना चाहिए। चयनित फ़ील्ड स्थान को जमीनी स्तर से थोड़ा ऊपर उठाया जाना चाहिए, क्योंकि इस जड़ी बूटी को उगाना मिट्टी में संभव नहीं है जो नमी को बनाए रखता है और भरा हुआ रहता है। यह कम वर्षा के साथ क्षेत्र में खेती की जाती है, सही मानसून की स्थिति में, लगभग 75 ° F – 85 ° F (25 ° C – 30 ° C) तापमान में।

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अश्वगंधा का सेवन करने से शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अगर हम ज्यादा बीमार हो जाए और अश्वगंधा पर पूरी तरह से निर्भर हो जाए। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि अधिक बीमार होने पर चिकित्सक से जाकर तुरंत ही दिखा लेना चाहिए, क्योंकि गंभीर बीमारी मे अश्वगंधा का सेवन करने से ठीक नहीं होता है।

अश्वगंधा किस तरह फायदेमंद हो सकता है?

  •  अश्वगंधा का उपयोग कोलेस्ट्रॉल  कम करने के लिए किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करने से टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं अश्वगंधा का सेवन करने से एलडीएल  की मात्रा बढ़ाने में भी मदद कर सकता  है। 

1. अनिद्रा के लिए अश्वगंधा का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।

  • आपने  अक्सर लोगों के मुंह से सुना होगा कि उन्हें रात में नींद नहीं आती या दिन में नींद नहीं आती है, तो इसके लिए वो चिकित्सक से संपर्क करते हैं, इतना ही नहीं वो कई प्रकार के दवाइयां भी खाते हैं, पर नींद आने की समस्या से उन्हें छुटकारा नहीं मिलता। ऐसे में हम आपको बता दें कि अगर अश्वगंधा का सेवन किया जाए तो नींद ना आने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।ऐसा कहा जाता है, कि अश्वगंधा के पत्तों  में ट्राएथिलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक पाया जाता है। जो गहरी नींद में सोने में काफी मदद कर सकता है।

2. तनाव दूर करने के लिए भी अश्वगंधा का उपयोग किया जा सकता है।

  • आजकल ज्यादातर लोग किसी न किसी बात को लेकर हमेशा तनाव में रहते हैं। जिसके कारण उन्हें कई सारी बीमारियां होने शुरू हो जाती है। ऐसे में अगर अश्वगंधा का सेवन किया जाए तो तनाव से छुटकारा पाया जा सकता है,क्योंकि अश्वगंधा में एंटी-स्ट्रेस गुण पाया जाता है। जो तनाव को कम करता है।
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3. अश्वगंधा का उपयोग  यौन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है।

  • अश्वगंधा का उपयोग ज्यादातर पुरुष अपने यौन क्षमता को बेहतर कर वीर्य गुणवत्ता में सुधार करने के लिए करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अश्वगंधा का उपयोग करने से स्पर्म उत्तमता के साथ-साथ उसकी संख्या में भी काफी वृद्धि हो सकती है।

4. अश्वगंधा का उपयोग कैंसर से बचाव के लिए भी किया जा सकता है।

  • ऐसा माना जाता है कि अश्वगंधा में एंटी-ट्यूमर एजेंट होते हैं। जो ट्यूमर को  विकसित होने से रोकता है।जानकारी के लिए आपको बता दें कि अश्वगंधा कैंसर के इलाज के  रूप में इस्तेमाल होने वाले कीमोथेरेपी के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने में सहायता प्रदान कर सकता है।

अश्वगंधा  किस तरह नुकसानदायक हो सकता है?

अश्वगंधा जहां तक हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। वही अश्वगंधा का अधिक सेवन करना हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।

  • अश्वगंधा का अधिक सेवन करने से गैस उल्टी और दस्त होने  की संभावना रहती है।
  •  जो महिला गर्भवती है,उस महिला को गर्भावस्था के दौरान अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए नहीं तो गर्भपात हो सकता है।
  • अश्वगंधा का उपयोग ज्यादातर लोग अपनी त्वचा को सुंदर और बीमारियों से बचने के लिए करते हैं, लेकिन अश्वगंधा का अगर अधिक सेवन किया जाए तो इसका प्रभाव उल्टा पर सकता है।