भारत के अलावा और किन देशों में प्रभु राम जी की पूजा अर्चना की जाती है?

आशा है कि शीर्षक पढ़ने के बाद आप सभी के जुबान पर भारत का नाम आ रहा होगा। लेकिन आपको बता दें कि भारत को छोड़ ऐसे और भी कई देश है जहां राम जी की पूजा अर्चना की जाती है।

अभी देश में हर जगह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण एवं राम जी के चरित्र का चर्चा होता दिख रहा है। राम जी का चरित्र ही ऐसा है की इसे किसी धर्म और किसी क्षेत्र में बांध नहीं सकते ।

भारत ही क्या पूरे विश्व के बहुत सारे देश हैं जहां आज भी राम जी की गुणगान होती है तथा राम के चरित्र का बखान होता है।कई ऐसे देश हैं जहां आज भी राम की मंदिर हैं ।हम नेपाल और श्रीलंका के बारे में जानते हैं की  इन दोनों देशों का रामायण में कई बार जिक्र है।नेपाल जहां राम जी की शादी यानी सीता माता के पिता का घर है। वही श्रीलंका रावण के घर के रूप में हम सभी पहले से ही जानते है।

परंतु आज हम वैसे देशों के बारे में जानने जा रहे हैं जहां आज के समय में भी राम का अस्तित्व है तथा आदर्श के साथ उनके नाम लिए जाते हैं।हमारे भारत देश के लिए तो वो मर्यादा पुरूषोतम हैं ही तो चलिए देखते है भारत को छोड़ और ऐसे कौन से देश है।

भगवान श्री राम की पूजा किन देशों में की जाती है- जान कर हैरान रह जायेंगे?

वर्मा – वर्मा एक ऐसा देश है जहां राम का अस्तित्व आज भी जीवित है।यहां के लोकगीत में राम के चरित्र का वर्णन मिलता है।वहां होने वाले उत्सव में रामलीला नाटक किया जाता है । आज भी वहां के व्यक्ति अपने बच्चों के नाम राम के नाम पर रखते हैं ।आज भी वहां रामवती नगर राम नाम पर ही स्थापित है ।आज भी वहां की अमरपुरा में सीताराम लक्ष्मण और हनुमान के चिन्ह अंकित मंदिर हैं।

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मलेशिया- मलेशिया में हिंदू धर्म मानने वालों की संख्या काफी ज्यादा है ।जिसके कारण राम कथा का प्रचार यहां अभी तक है। सबसे बड़ा आश्चर्य यह है कि यहां के मुस्लिम भी अपने नाम के साथ हमेशा राम,लक्ष्मण और सीता का नाम जोड़ते हैं। रामायण को धार्मिक ग्रंथ की मान्यता यहां प्राप्त है तथा इसका नाम सेतिराम है।

थाईलैंड- थाईलैंड वाले अपने को राम वंशी मानते हैं। तथा यहां के राजवाड़ा में भारत की भक्ति राम की पादुका को लेकर राज करने की परंपरा आज भी प्रचलित है।जिसके कारण थाईलैंड में कई शहरों का नाम रामायण के चरित्र के अनुसार जैसे अजुधिया, लवपूरी और जनकपुरी रखा गया है।यहां आज भी रामकथा का आयोजन बड़े धूमधाम से होता है।यहां के मंदिरों में भी राम कथा का प्रसंग अंकित मिलता है।

कंबोडिया – कंबोडिया में भी हिंदू सभ्यता के साथ-साथ रामायण एवं राम के अस्तित्व का प्रचलन अभी भी है। जिसका प्रमाण छठी शताब्दी के एक शिलालेख से मिलता है। इस शिलालेख में दर्शित है कि कई जगहों में रामायण और महाभारत का पाठ किया जाता है।

इंडोनेशिया -इस देश में भारत के जैसा ही रामायण यहां के जनजीवन में बसा हुआ है। इंडोनेशिया के मुसलमान भी अच्छे इंसान बनने के लिए रामायण पढ़ा करते हैं। जो अपने आप में अद्भुत है। यहां तक की रामायण को शिक्षा का हिस्सा भी बनाया गया है ।आज भी उनके जीवन में राम के चरित्र का गहरा प्रभाव है।

इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप को बाल्मीकि रामायण में स्वर्ण भूमि के नाम से जाना जाता था।इंडोनेशिया एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है।

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जावा- जावा विश्व का एक ऐसा देश है जहां रामचंद्र को राष्ट्रीय पुरुषोत्तम के रूप में सम्मानित किया गया है। वहां की सबसे बड़ी नदी का नाम सरयू है । तथा वहां आज भी कठपुतलियों का नाच रामायण के प्रसंग से होता है।

ऑस्ट्रेलिया- धर्म ग्रंथ के अनुसार मेडागास्कर कहे जाने वाले द्वीप से लेकर आस्ट्रेलिया तक के द्वीप समूह पर लंकापति रावण का राज्य था। परंतु रावण पर विजय प्राप्त होने के बाद यहां राम की कृति फैली तथा राम के नाम के साथ राम कथा एवं राम जी के गुणगान के साथ राम इनके जीवन का प्रेरणा स्रोत बन गए।

पाकिस्तान- धर्म ग्रंथ के अनुसार राम राज्य के समय पाकिस्तान भी रामराज्य का हिस्सा था। मान्यता के अनुसार लाहौर शहर का वास्तविक नाम उस समय लवपूरी था। जिसका स्थापना प्रभु राम के बड़े बेटे लव ने की थी आज भी लाहौर में एक किले में लव का मंदिर स्थित है।

इन देशों के अतिरिक्त फिलीपींस ,चीन ,जापान और प्राचीन 

अमेरिका तक राम के अस्तित्व का प्रभाव मिलता है।