विश्व के अस्तर पर जैसे हर देश की अपनी पहचान उसके राष्ट्रीय प्रतीक से होती है। कहीं न कहीं ये उसकी बहुत साल पुरानी सभ्यता, संस्कृति और रिति-रिवाजों के साथ वहां की वातावरण में पाय जाने वाले पशु पक्षियों को भी प्रतिबिंबित करता है। ठीक उसी प्रकार भारत के हर राज्यों के भी अपनी अपनी राजकीय प्रतीक है।
अगर हम बिहार की बात करें, तो इसका राजकीय प्रतीक कुछ इस प्रकार है:-
- गौरैया – राजकीय पक्षी
- बैल – राजकीय पशु
- पीपल -राजकीय वृक्ष
- गेंदा – राजकीय फूल
इन सभी को राजकीय प्रतीक के रूप में अपनाने के पीछे बहुत ही महत्वपूर्ण कारण है।
समय के साथ हर विभाग में नई-नई तकनीक को अपनाये जा रहें हैं। इसके चलते हम पर्यावरण के साथ इसमें पाय जाने वाले पशु पक्षियों और वनस्पति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। धीरे धीरे इस वजह से कई पशु पक्षियों और पेड़-पौधो विलुप्त के कगार पे है। इसी कारण से बिहार सरकार ने उन पशु, पक्षी, पेड़ को राजकीय प्रतीक के रूप में चयन किया है जो विलुप्त के कगार पर है और उन सभी का संरक्षण अनिवार्य है। इन सभी के संरक्षण के विषय में कदम उठाने की आवश्यकता बिहार और झारखंड के विभाजन के बाद महसूस हुआ।
राजकीय पक्षी – गौरैया
बिहार का राजकीय पक्षी गौरैया है। एक समय था जब यह पक्षी हर पेड़ की डालियों से लेकर कर घरों के आंगन में दिख जाता था। माना जाता है, पहले लोग इस पक्षी के बहुत शिकार किया करते थे और इसको बहुत ही प्यार से खाते थे।एक तरफ बढ़ती आबादी की वजह से इस पक्षी को सही रूप में आवास बनाने में समस्या होने लगी। दुसरी तरफ, बढ़ती आबादी के साथ, बढ़ती हुई पर्यावरण में प्रदुषण के कारण पर्यावरण का संतुलन बदलना। इन कारणों से धीरे धीरे इस की संख्या में काफी गिरावट आई है। बिहार सरकार ने इसके संरक्षण के तौर पर इसको राजकीय पक्षी के प्रतीक के रूप में अपनाया है।
राजकीय पशु – बैल
दिन प्रतिदिन खेती में बढ़ती नई नई तकनीकी यंत्र और खेती के यंत्रीकरण के चलते बैलों का उपयोग कम होता जा रहा है। इससे उनके अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो गया है। इसी कारण से बिहार सरकार ने इस को संरक्षित करने से लिए कदम उठाए हैं। आज बैल बिहार का राजकीय पशु के रूप में अपनाया गया है।
राजकीय वृक्ष – पीपल
बिहार में पीपल को बहुत ही पुजनीय माना जाता है। पर्यावरण एवं वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पीपल राज्य के सांस्कृतिक पक्ष के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। यह राज्य में ज्ञान व परंपरा का द्योतक भी है। इसी कारण पीपल बिहार राज्य का राजकीय वृक्ष है।
राजकीय फूल – गेंदा
गेंदा एक ऐसा फूल है जो बिहार राज्य के हर घर में पाया जाता है। इसकी बहुत प्रजातियां पाई जाती है। इसकी राज्य में लोकप्रियता की वजह से इसे राजकीय फूल का दर्जा दिया गया है।