कैलकुलेटर की जानकारी

कैलकुलेटर गणित के क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण यंत्र है। इससे गुणा भाग जोड़ घटाव इत्यादि करते हैं। यह एक ऐसी वस्तु है जो गुणा भाग जोड़ घटाव करने में सक्षम है। यह बड़े से बड़े जोङ, भागे,गुणा,घटाव के जवाब देती है और अन्य शब्द में कहें तो गणित के मुश्किल सवाल का हल चुटकियों में कर देती है। कैलकुलेटर शब्द लैटिन शब्द “कैलकुलेरी” से मिला है इस शब्द का अर्थ है “पत्थरों के मदद से गिनती करना”। इसे हिंदी में गणित्र अथवा गणक भी कहते हैं। इसके लिए किसी इंटरनेट की जरूरत ही नहीं पड़ती तथा यह छोटी सी होती है। इसे लेकर यातायात करने मे भी कोई असुविधा नहीं होती है। यह सस्ते दामों में उपलब्ध है। तथा इसको उपयोग करना भी बहुत सरल व सहज है। इसके कारण हमें जटिल गणितीय प्रश्नों का उत्तर आसानी से प्राप्त हो जाता है। इसकी बनावट भी काफी सुंदर तथा छोटी सी है। यह छोटे से डिब्बे जैसी दिखने वाली इस कैलकुलेटर में गणित का अधिकांश संसार बसता है। अब यह प्रत्येक मोबाइल व कंप्यूटर में कैलकुलेटर एप के नाम से उपलब्ध भी है। यह जोड़ घटाव गुना भागा जैसे कई और सवालों का उत्तर पल भर में दे सकती है। इसका उपयोग बैंक, फी काउंटर, दफ्तर,रेस्टोरेंट् तथा अन्य कई जगहों पर की जाती है। लोग इसे अपने जरूरत के हिसाब से अलग-अलग कई स्थानों पर भी उपयोग करते हैं।

कैलकुलेटर के आविष्कारक कौन थे तथा यह कब लांच हुई थी

एक समय था जब लोगों के पास गिनती करने का साधन पत्थर या लकड़ियां होती थी। बड़े प्रश्नों को हल करने में काफी वक्त लग जाता था और मुश्किलें भी बढ़ जाती थी। इस परेशानी का हाल करने के लिए बहुत सालों बाद एक खोज की गई जिसको अबेकस कहते थे। परंतु इसे बड़े-बड़े सवालो का हल निकालना थोड़ा मुश्किल था। 1642 में  विलियम नाम के व्यक्ति ने एक जोड़ने वाली मशीन बनाई थी और इसका नाम ब्लाइज़ पास्कल रखा था बाद में टेक्सेस इंस्ट्रुमेंट और जैक किल्बी ने मिल कर कैलकुलेटर को बनाया और इसे  कैलकुलेटर के नाम से पेटेंट कराया था। इन्होंने इसे 1960 मे बनाकर तैयार किया था। इसके आने के बाद गणित में लोगों का काम बहुत ही आसान साबित हुआ। यह बेहद ही अद्भुत आविष्कार हुआ था। एक साधारण कैलकुलेटर में 33 बटन होते है । तथा इसे ज्यादा बटन वाली कैलकुलेटर भी बाजारों में उपलब्ध हैं। इसके आने के बाद हर छोटे-छोटे प्रश्नों के उत्तर जो कि उंगलियों से गिनी जा सकती है। बच्चे उसे भी कैलकुलेटर से करना ही पसंद करते हैं। और इससे उन्हे बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है।

 अब तो बाजारों में हर तरह के कैलकुलेटर उपलब्ध हैं। कुछ के काम करने के तरीके बिल्कुल अलग तो कुछ के काम करने के तरीके बहुत ही साधारण कुछ बैटरियों से चलती है तो कुछ सूर्य की रोशनी से चार्ज होती हैं। कुछ कि आकार  लंबे तो कुछ के आकार छोटे होते हैं। यह गणित के क्षेत्र में एक बहुत ही लाभकारी यंत्र साबित हुआ और बहुत ही शक्तिशाली खोज मानी गई है।

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