सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) आज से 20 साल पहले ही इसकी चर्चा हुई थी। पूरे बीस साल लग गए इस पद को लाने में। 1999 में कारगिल युद्ध के बाद इस पद की घोषणा की गई थी। उस वक़्त अटल बिहारी वाजपेई जी हमारे प्रधानमंत्री थे।
इस आलेख में आपको चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ से संबंधित हर जानकारी दी जाएगी। यदि आप ये सोच रहें हैं कि सीडीएस का मतलब कंबाइंड डिफेंस सर्विस होता है तो बिल्कुल सही सोच रहे हैं। परन्तु भारत में दो सीडीएस पद होते हैं और दोनों ही एक दूसरे से भिन्न होते हैं। लेकिन यहां पर हम चीफ ऑफ डिफेंस की ही चर्चा करेंगे। स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सीडीएस पद के लिए ऐलान किया था। निर्णय लेने में काफी समय लग गई क्योंकि यह सोचा जा रहा था कि भारत को सीडीएस की जरूरत है या नहीं। आपके हर सवाल का जवाब सीडीएस से संबंधित यहां पर मिलेगा। उसके लिए इस आलेख को पूरा जरूर पढ़ें।
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सीडीएस (चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ) क्या होता है?
इस पद का गठन करने का तात्पर्य यह था कि तीनों सेनाओं थल सेना, वायु सेना और भारतीय सेना के बीच अच्छी संबंध बनी रहे। इन तीनों सेनाओं से सर्वोच्च पद वाले अधिकारी माने जाते हैं। तीनो सेनाओं के प्रमुख भी कहलाते हैं जो सीडीएस होते हैं।
भारत के पहले सीडीएस (चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ) कौन हैं?
बिपिन रावत को भारत के पहले सीडीएस पद के लिए नियुक्ति किया गया 1 जनवरी 2020। बिपिन रावत जी इसके पहले थल सेना के अध्यक्ष पर कार्यरत थे।
सीडीएस (चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ) का कार्य क्या होता है?
तीनों सेनाओं के बारे में कुछ भी निर्णय अब सीडीएस के तहत ही लिया जाएगा।तीनों सेनाओं के सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेगा। सशस्त्र बालों के लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए कामकाज में सुधार करेगा।
सीडीएस के आने के बाद सैन्य बदलाव?
ऐसा माना जा रहा है आने वाले समय में तीनों सेना एक दूसरे के पद को संभाल सकते हैं। इससे रक्षा पर खर्च होने वाले पैसों में कमी हो सकती है।
आखिर सीडीएस का क्या काम है जब सेनाध्यक्ष पहले से हैं?
आपके भी मन में यह सवाल आता होगा कि ऐसा क्यों हुआ? तो आपको बता दें कारगिल युद्ध नहीं होता तो शायद सीडीएस पद भी नहीं होता। कारगिल युद्ध के बाद कमिटी ने बताया कि एक व्यक्ति ऐसा होना चाहिए जो तीनों सेनाओं से ऊपर हो। इससे तीनों सेनाओं में तालमेल बनी रहेगी। परन्तु उस समय इन बातों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया। 2019 तक किसी भी राजनेता ने इस पर अपनी साहस नहीं दिखा पाए। नरेंद्र मोदी ने सैन्य सुधार पर अपने विचार रखे और उसके तहत निर्णय लिए।
चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ के लिए वेतन, उम्र सीमा और परीक्षा के बारे में जानकारी
अभी तक वेतन के बारे में बताया गया है कि जितनी सैन्य अधिकारी अध्यक्ष की वेतन है उतनी ही सीडीएस की भी होगी।सीडीएस की अधिकतम आयु 65 वर्ष तय की गई है।
चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ के लिए कोई परीक्षा नहीं होती है, सीडीएस की नियुक्ति भारत सरकार के कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) के तहत की जाती है जिसमे भारत के प्रधान मंत्री (जो अध्यक्ष हैं), गृह मामलों के मंत्री प्रमुख होते है।