चीन का युआन वांग 5 जहाज अभी बहुत समाचार में है। चीन का ये जहाज श्रीलंका के दक्षिणी भाग में हंबनटोटा पोर्ट पर 11 अगस्त से 17 अगस्त तक रुकेगी, चीन के हिसाब से ये जहाज ईंधन भरने, आपूर्ति या उसमे रुके चालक दल के सदस्यों को आराम करने के लिए रुकेगी। लेकिन ऐसा क्या है इसमें की भारत या कोई भी देश नहीं चाहेगा की ये जहाज उनके देश के के आस-पास भी आए? क्या ऐसा जहाज भारत के पास भी है? चलिये जाते हैं हिंदी वार्तालाप के इस पोस्ट में।
युआन वांग 5 क्या है?
युआन वांग 5 चीनी नौसेना का एक खतरनाक 222 मीटर लांबा या 25 मीटर चौरा ट्रैकिंग जहाज है जिसको जासूसी जहाज और इंटेलिजेंस गैदरिंग शिप भी बोले है। ये जहाज अटैक के लिए नहीं होते हैं। ये शिप मिसाइल्स, सॅटॅलाइट, राकेट को ट्रैक करने के लिए होते है दुश्मन देश पे निगरानी के लिए होते है इसको गहरे समुद्र में रिसर्च के लिए यूज़ किया जाता है।
उदाहरण के लिए अगर कोई देश किसी मिसाइल से हमला करता है तो जहाज की मदद से उसे ट्रैक किया जा सकता है और अंतरिक्ष में जो रॉकेट या उपग्रह हम भेजते हैं उनको भी ट्रैक कर सकते हैं।
आम तौर पर किसी भी चीज की ट्रैकिंग और आसमान से सटेलिते के जरिये होती ही है लेकिन जब इन ट्रैकिंग जहाजों की मदद से किसी भी चीज का एक तरह से 3D मैप मिल जाता है जिसके बाद डाटा को एकीकृत किया जाता है तो बहुत सटीक जानकारी मिलती है।
भारत क्यों नहीं चाहता की ये जहाज भारत के आस-पास भी आये?
इस जहाज की वजह से भारत का 750 किमी का क्षेत्र जैसा तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश या केरल चीन के रडार में आ जाता है। इन राज्यों के पोर्ट्स ऑर भारत के जो भी सीक्रेट डिफेंस इंस्टालेशन है उसपे चाइना इस जासूसी जहाज की मदद से जासूसी कर स्कता है देख स्कता है की हमारे पास क्या-क्या और कहाँ-कहाँ है, कहाँ रॉकेट्स है किस तरह के रॉकेट्स है जो हमारे न्यूक्लियर प्लांट्स है उनके बारे में जो हमारे सीक्रेट डेटा है उसे निकल सकता है और हमारे खिलाफ इस्तमाल कर सकता है।
क्या ऐसा जहाज भारत के पास भी है?
अब बात करते हैं कौन-कौन से देशो के पास ऐसी ट्रैकिंग शिप है और सबसे ज्यादा ट्रैकिंग जहाज किसके पास और क्या हमारे देश के पास भी ऐसी जहाज है और कितनी है?
रिपोर्ट के हिसाब से रूस, अमेरिका, फ्रांस, चीन और भारत बस इन्ही 5 देशो के पास ऐसी जहाज है। पहले अमेरिका और रूस के पास सबसे ज्यादा ऐसी जहाजों थी लेकिन अब चीन के पास ज्यादा ऐसी जहाजों है।
- चाइना के पास ऐसे 7 से ज्यादा छोटे बड़े जहाज है,
- अमेरिका के पास सिर्फ 3-4 शिप है,
- रूस के पास 1 है,
- फ्रांस के पास 1 है,
- भारत के पास भी 1 है।
लेकिन इंडिया एक और ऐसी शिप बना रहा है जिसका काम पुरा होने के बाद इंडिया के पास 2 ट्रैकिंग शिप हो जाएगी।
ऐसी शिप बहुत लिमिटेड देशों के पास है क्युकी पहला तो सभी देशो के पास इतना टेक्नोलॉजी नहीं है, और इसको बनाने के लिए पैसा भी बहुत लगता है, और बनाने के बाद इसे चलाना हाथी को पालने के बराबर है, क्यूकी इसको बिना रुके सप्लाई चाहिए होता है और ऐसी शिप 24 घंटे काम करती है।
इंडिया के पास जो शिप है अगर उसके बारे मे जानना चाहते है?
इंडिया के ट्रैकिंग शिप का नाम आई.एन.एस ध्रुव है जो वीसी 11184 के नाम से भी जाना जाता है ये इसका कोड नाम है। जिसको डीआरडीओ, एनटीआरओ, भारतीय नौसेना की मदद से 1500 करोड़ रुपये से ऊपर की लगत से बनाया गया है।
जिस्का विस्थापन भार 15000 टन है, ज्यादा विस्थापन वजन से ये फायदा है की हम ज्यादा एंटीना, ज्यादा रडार, ज्यादा उपकरण स्थापित कर सकते है, जिससे जहाज की क्षमता भी बढ़ जाती है।
बताता जाता है इसमे 300 लोगो की रहने की क्षमता है, 1 हेलीपैड भी है 14 मेगावाट का निरंतर आपूर्ति चाहिए होता है इसको चलाने के लिए जो इसपे लगे 2 डीजल इंजन की मदद से पूरा किया जाता है। हमारे इस जहाज पे बहुत सारे एडवांस राडार, एंटेना या इलेक्ट्रिक उपकरण लगे हुए हैं, मतलाब अपना भी ट्रैकिंग जहाज चीनी ट्रैकिंग जहाज से कम नहीं है।
आशा करते है आपको चीन का युआन वांग 5 जहाज के बारे में अच्छे से जानकारी मिल गयी। ऐसे और भी मज़ेदार GK और Hindi Facts से related जानकारी वाले पोस्ट के लिए हमें याद करे।