हर कोई इंजीनियर या डॉक्टर नहीं बनना चाहते हैं। बहुत लोगों का शौख पढ़ाना भी होता है। किसी को स्कूल का अध्यापक बनना पसंद है तो किसी को महाविद्यालय का। तो चलिए आज हम इस आलेख में जानेंगे एक प्रोफेसर से संबंधित हर जानकारियों के बारे में।
प्रोफेसर किसे कहा जाता है?
कॉलेज में पढ़ा रहे सभी अध्यापक प्रोफेसर नहीं कहलाते हैं। महाविद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक को प्रोफेसर बोला जाता है। कॉलेज में पढ़ा रहे कुछ अध्यापक लेक्चरर,रीडर, असिस्टेंट इत्यादि के पद पर भी मौजूद होते हैं। कभी कभी महाविद्यालयों में कुछ अलग से अध्यापक को भी रखा जाता पढ़ाने के लिए और उन्हें प्रति घंटा या प्रति महीने के हिसाब से वेतन भी दी जाती है। तो आज के बाद से यह ध्यान रहे की महाविद्यालयों में पढ़ा रहे हर अध्यापक प्रोफेसर नहीं कहलाते हैं।
योग्यता क्या होनी चाहिए?
- स्नातक में उत्तीर्ण स्नातकोत्तर में 55 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना अत्यंत आवश्यक है।
वेतन कितनी होती है किसी भी प्रोफेसर की?
- न्यूनतम – 28000
- अधिकतम – लम सम 1.5 लाख
कौन कौन सी परीक्षाओं के तहत एक व्याक्ति प्रोफेसर बन सकता है?
- यूजीसी नेट :-
स्नातकोत्तर में 55 प्रतिशत अंक प्राप्त होने के पश्चात आप यूजीसी नेट की परीक्षा दे सकते हैं। इस परीक्षा का आयोजन एक वर्ष में दो बार होता है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए किसी एक विषय का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद ही आप किसी भी महाविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर पढ़ा सकते हैं।
- एम. फील या पी. एचडी :-
किसी भी विषय के विशेषज्ञ बनने के लिए सर्वप्रथम आपको पीएचडी करना होगा। इस कोर्स को आप स्नातकोत्तर के बाद ही कर सकते हैं।इसमें आपको किसी एक विषय में रिसर्च करना होगा। इसके बाद आप एक प्रोफेसर भी बन सकते हैं।
- गेट (GATE) :-
यदि इस परीक्षा में आप सफल होते हैं तो किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर बन सकते हैं।
- स्लेट :-
यह परीक्षा राज्य स्तर पर आयोजित की जाती है जिसके तहत भी आप एक प्रोफेसर बन सकते हैं।
कॉलेज प्रोफेसर कैसे बनें?
उपर दिए गए दोनों परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के पश्चात ही आप एक प्रोफेसर बन सकते हैं। किसी भी अच्छे और बड़े पद के लिए लगभग में इंटर में उत्तीर्ण होना आवश्यक होता है। ठीक उसी प्रकार इसमें भी आपको इंटर के साथ ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में भी उत्तीर्ण होना होगा।
एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर बारे में
एक शिक्षक के पद से जब पदोन्नति होता है तब एक व्यक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर बनते हैं जिसके लिए कम से कम 5 से 10 साल तक शिक्षक होने का अनुभव रहना चाहिए।
कॉन्ट्रैक्ट के तहत जब कोई भी अध्यापक पढ़ते हैं तो उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर बोलते हैं। यह अपने पद पर कुछ ही समय के लिए होते हैं यानी हम इसे अपने भाषा में अस्थाई बोल सकते हैं।
कुछ बातें जो एक प्रोफेसर बनने के पहले ध्यान में रखना चाहिए
- इंटर से ही किसी एक विषय में अत्यंत रुचि रखें
- उस एक विषय पर अच्छी पकड़ बनाएं
- प्रजेंटेशन की स्किल को बढ़ाएं
- पढ़ाने में रुचि हमेशा रखिए
- अपने विषय के संबंधित में खोज करते रहना चाहिए