विद्यार्थियों पर दूरदर्शन का प्रभाव

दूरदर्शन आज के युग की सबसे महत्वपूर्ण व जरुरतमंद चीज बन चुकी है। इसकी सहायता से हम घर बैठे ही देश विदेश की जानकारी पा सकते हैं। यह ना सिर्फ खबरें देता है बल्कि यह फिल्में सीरियल कार्टून भी दिखाता है। यह हमें बोरियत भरे दिनों से छुटकारा भी देता है। आज के बोरियत भथे दिनों में इस के इस्तेमाल से लोग अपनी जिंदगी का लुफ्त उठा पाते हैं। विज्ञान ने दुनिया को एक से एक महत्वपूर्ण आविष्कार दिया है। जिसमें से दूरदर्शन भी एक बहुत ही विशेष उपकरणों में से एक है। इस अद्भुत दूरदर्शन को बहुत समय पहले मात्र कल्पना किया जा सकता था। परंतु महान वैज्ञानिक जान लोगी बेयर्ड ने इसे बनाकर सबके सामने प्रस्तुत कर दिया। पहले के समय में इसका इस्तमाल केवल महानगरों में होता था परंतु आज के युग में दूरदर्शन शहर तो शहर प्रतेक गांव के हर एक घर में पहुंच चुका है।

दूरदर्शन का बढ़ रहा उपयोग

वर्तमान युग में दूरदर्शन एक मनोरंजन तथा ज्ञान वर्धन का सर्वश्रेष्ठ साधन बन चुका है। आज के समय में यह हर घर में पाया जाता है। अब यह हर घर हर मनुष्य की आवश्यकता बन चुका है। उपग्रह संबंधी प्रसारण की सुविधा के कारण इस पर भरपूर चैनल की सुविधा भी मिल चुकी है। पहले के समय में दूरदर्शन पर केवल दो ही चैनल थे। परंतु अब हर वर्ग हर आयु के मनुष्य के लिए अलग-अलग चैनलों की भरमार है। भिन्न भिन्न कार्यकर्म जैसे धारावाहिक फिल्में कार्टून समाचार गाना नृत्य लोक संगीत लोक नृत्य ज्ञान वर्धन भजन कीर्तन शैक्षिक कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं। और तो और यह ना सिर्फ हिंदी भाषा में बल्कि बंगला मराठी अंग्रेजी जैसी विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध हे।

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दूरदर्शन का प्रभाव

दूरदर्शन अपनी सफलता के कारण आज ना सिर्फ सब का चहिता बल की सबकी आवश्यकता भी बन चुका है। भिन्न भिन्न कार्यक्रम के कारण यह बच्चे बड़े बूढ़े महिला पुरुषों एवं युवा पीढ़ी का मनोरंजन का एक साधन बन चुका है। को रोना काल में हो रहे रामायण और महाभारत को देखने के लिए लोग अपना कार्य पहले ही मिटाकर इसके सामने आ बैठते थे। बच्चे तो कार्टून देखने के चक्कर में पढना ही भूल जाते थे। आज भी महिलाएं अपना छोटा मोटा काम था धारावाहिक के बीच में हो रहे विज्ञापन के समय पूरा करती है।आइपीएल के समय पुरुषों तथा युवा पीढ़ी की घंटो टी.वी के सामने बैठकर अपने सारे कार्य और पढ़ाई मानो भूल ही जाते हैं। कई बच्चे तो दिन भर टी.वी देखने में बता देते हैं तथा टी.वी बंद करने पर रोना शुरु कर देते हैं।अब लोग समाचार पढ़ने से ज्यादा उसे दूरदर्शन पर सुनना पसंद करते हैं।जिसे दूरदर्शन का प्रभाव साफ-साफ देखने को मिलता है।

दूरदर्शन के लाभ

दूरदर्शन आज के समय में काफी सस्ता एवं सुविधाजनक उपकरणों में से एक है। बाजार में हर तरह के दूरदर्शन उपलब्ध है।महंगे से महंगा तथा सस्ते से सस्ता दूरदर्शन उपलब्ध है।परंतु खास बात यह है कि महंगे दूरदर्शन में भी वही दिखाया जाएगा जो सस्ते दूरदर्शन में दिखाया जाएगा। परंतु दोनों के फीचर्स अलग-अलग हो सकते हैं। दूरदर्शन पर मात्र बिजली तथा मासिक शुल्क के खर्च के साथ इस पर अपना मनपसंद कार्यक्रम देखा जा सकता है। दूरदर्शन के कारण ही पूरा परिवार साथ में बैठकर कोई भी धारावाहिक या फिल्में देखता है। दूरदर्शन पर अब फिल्मे में भी दिखाई जाती है जिसके कारण सिनेमा घरो के बाहर टिकट खरीदने के लिए लंबी लाइन के समस्या से अब हम मुक्त हो चुके हैं। अब धारावाहिक या फिल्में घर बैठे सपरिवार आनंद के साथ देखा जा सकता है।यह दुनिया के हर कोने की जानकारी तुरंत दे देता है। जिस से लोग ज्यादा सचेत रहते हैं। यह हमें उन जगहों का भी दर्शन कर आता है जहां जाने के लिए हमारे पास पैसे यह समय की कमी होती है। कई काल्पनिक चीजें हमारे जीवन को रोमांचित कर देता है। पढ़ाई के विषय को समझने के लिए यह बहुत ही बढ़िया तरह से प्रस्तुति कर बच्चों को आसानी से समझने में मदद करता है। इसके अलावा रोजगार खेती व्यवसाय शैक्षिक संबंधी जानकारियां भी हमें पल भर में घर बैठे ही प्राप्त हो जाती है।

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दूरदर्शन के नुकसान

जैसा कि हम सब जानते हैं जो चीज में अत्यंत खुश करती है बाद में वह उतना ही परेशानी का कारण भी दे देती है। दूरदर्शन आज के दिन में इतना लोकप्रिय हो चुका है कि लोग घंटो इसके सामने बैठ जाते हैं। और इतनी खो जाते हैं कि उन्हे समय का ध्यान ही नहीं रहता है। घंटो दूरदर्शन के सामने बैठने के कारण अधिकतर लोगों को आंखों में परेशानियां शुरू हो जाती है तथा धीरे-धीरे आंखें खराब होने लग लग जाती है। दूरदर्शन लोगों को आलसी वह निकम्मा बना रखा है। दूरदर्शन देखने के लिए कई लोग अपने आज के कार्य को कल पर टाल देते हैं। घंटो दूरदर्शन के सामने बैठे रहने से शरीर का मोटापा बढ़ रहा है। दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रम जैसे हिंसा घरेलू विवाद मारपीट झगड़े लूट आदी के कार्यक्रम युवा पीढ़ी को बिगाड़ रही है। युवा पीढ़ी है सब कार्यक्रम देख कर इन्हें करने की सोचती है। जिसके कारण वे गुमराह होते हैं और उसे दोहराने की कोशिश करते हैं। आज भी लोग दूरदर्शन देखते वक्त घर के छोटे-मोटे काम को भूल जाते हैं जिससे उनके घर की चीजें नुकसान वह खराब हो जाती है। लोग विदेशी चीजों को अपनाने की कोशिश में भारतीय संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। दूरदर्शन के कारण ही लोगों की नैतिक मूल्य नष्ट होती जा रही है।

दूरदर्शन अत्यंत लाभकारी वस्तु है परंतु यदि इसका इस्तमाल हम हद से ज्यादा करेंगे तो यह नुकसानदायक भी हो सकती है। दूरदर्शन के नुकसान को देखने के बाद भी लोग दूरदर्शन का उपयोग करना कम नहीं करते है। दूरदर्शन पर क्या देखना है कब देखना है और कितनी देर तक देखना है यह सेवा पर निर्भर करता है। इसमें दूरदर्शन का कोई दोष नहीं है। यदि इसे सही मायने में कार्य पर लाया जाए तो यहां अत्यंत लाभदायक है। परंतु यदि आप इसका इस्तेमाल ज्यादा करेंगे तो यह आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसीलिए अपने विवेक के अनुसार दूरदर्शन का उपयोग उतना ही करे जितना की नियमित जरूरी है।