ई-मेल यानी कि “इलेक्ट्रॉनिक मेल” अर्थात “डिजिटल डाक”। इससे किसी के भी सन्देश को किसी भी ईमेल पते पर बिना डाकिया के पहुंचाई जा सकती हैं। चिट्ठी तो चिट्ठी कई डिजिटल कागजात भी पहुंचाई जा सकती है। यह भेजने वाले तक बहुत ही सुरक्षित तरीके से पहुंचाई जाती है तथा भेजते समय किसी तीसरे को पता भी नहीं चलता और ना ही तीसरे व्यक्ति की जरूरत पड़ती है इसे पहुंचाने में।
भेजे गए संदेश को सालों तक संभालकर इसमें रखी जा सकती है।
पहले संदेश भेजने के लिए हम चिट्ठी भेजते थे अथवा ग्रीटिंग्स देकर शुभकामनाएं देते थे परंतु इस तकनीक के आने के बाद चिठ्ठी भेजने की जरुरत नहीं पड़ती है बस बटन दबाते ही हमारा संदेश दूसरे इमेल पते के पास तक पहुंच जाता है।
ईमेल को किसने और कब आविष्कार किया
इसके आविष्कारक वीए शिवा अय्यदुरई थे। इन्होंने 1978 मे इसे तैयार किया और इसका नाम ईमेल रख दिया। इसको बनाने के पीछे इनका मुख्य उद्देश्य लोगों तक सस्ते दर पर और तेजी से संदेश पहुंचाना था। 30 अगस्त 1982 में अय्यदुरई स्कोर अमेरिकी सरकार द्वारा ईमेल के आविष्कारक होने की मान्यता मिली थी। और इसके सबसे पहले प्रयोग करने वाले रे टॉमलिंसन थे। उन्होंने 1971 में “QWERTYUIOP” लिख कर खुद को ही यहां ईमेल भेजा था। इन्होंने @ की भी खोज की थी। ई-मेल के और कई सारे रूप है जैसे – हॉटमेल जीमेल याहू इत्यादि। आज उसका प्रयोग अधिकांश लोग करते हैं तथा यहां उपयोग की जाने वाली सबसे मुख्य चीज है। इसे किसी भी संदेश को घर बैठे भेजना बहुत ही सरल है। इंटरनेट की सुविधा के कारण यह और भी सरल हो जाता है।
ईमेल के फायदे
- यह बहुत ही सस्ता तथा सुविधाजनक है।
- इसे समय की भारी मात्रा में बचत होती है।
- इसे भेजे हुए व्यक्ति और भेजे गए व्यक्ति के अलावा कोई तीसरा नही देख सकता।
- इसमे कागज कलम की कोई आवश्यकता नही है।
- यह संदेश भेजने का विश्वसनीय तरीका है।
ई-मेल के बारे में और जानकारी
- ईमेल भेजने के लिए दोनों व्यक्ति के पास ईमेल अकाउंट होना जरूरी है।
- इसमें बीच में बार बार कई सारे विज्ञापन दिखाई जाती हैं।
- इससे वायरस के हमले का भी डर है। इसके लिए व्यक्ति के पास वायरस डिटेक्टर होना जरूरी है।
- इंटरनेट या नेटवर्क ना होने पर यह नहीं पहुंचाई जा सकती है।
इसे भेजने के लिए व्यक्ति के पास कंप्यूटर, मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का होना आवश्यक है।
ई-मेल में कोई भी संदेश बहुत दिन तक संजोकर रखा जा सकता है। इसमें इनबॉक्स आउटबॉक्स अटैचमेंट फाइल फोल्डर जैसी बहुत सी सुविधा उपलब्ध है। पहले इसका प्रयोग सिर्फ संदेश भेजने के लिए होता था परंतु अब लोग इससे तस्वीरें कागज़ात मेमो अटैचमेंट जैसे कई विकल्प होते हैं। आप अपने मनचाहे सरवर पर लॉगइन कर संदेश भेज सकते हैं या संदेश प्राप्त कर सकते हैं ठीक उसी प्रकार आप चाहे तो उस अरवल से लॉगआउट भी हो सकते हैं। लॉग आउट होने के बाद आपको उस सरवर से कोई भी संदेश प्राप्त नहीं होगा तथा आप भी वह सरवर पर कोई भी संदेश नहीं भेज सकते। इसे उपयोग करना बहुत ही सरल है तथा अधिकांश लोग इसे उपयोग करते भी हैं।