योग पर 700 शब्दों का हिंदी निबंध
हम लोगों के जीवन में योग का एक बहुत अलग महत्व है। ये शारीरिक मानसिक संतुष्टि प्रदान करता है। शरीर से बीमारियों को दूर करता है तथा हमें अच्छा रखता है। हम अक्सर यह सुनते हैं योग सारे बीमारियों का इलाज है। बहुत प्राचीन काल से किया जा रहा है। साधु संत सभी भी इसे पहले से करते हैं, बॉक्सर अपने मन और चित को शांत करने के लिए ध्यान लगाया करते थे यह और कुछ नहीं योग का ही एक प्रकार है।
अमन को तो शांत करता ही है साथ ही साथ शरीर के लिए भी बहुत अच्छा होता है। योग करने से हमें बहुत अच्छा महसूस होता है और अधिकतर इसे हमें सुबह करना चाहिए जब हम ताजा महसूस करते हैं।पहले तो यह होती थी कि साधु संत अपने मन को नियंत्रण में रखने के लिए ध्यान करते थे और इससे उनका मन शांत रहना था और वह कुछ सोच पाते थे, पहले जमाने में यही सब करके रोगों पर नियंत्रण पाया जाता था। पहले लोग पहले टहलने ,सुबह उठने और काम करने में बहुत आगे रहते इस वजह से उन्हें जल्दी कोई बीमारी नहीं होती क्योंकि वह अंदर से बहुत ताकतवर रहते थे। पहले के लोग सुबह उठकर टहलने और अपना घर का काम करने के बाद अपने काम पर निकल जाते हैं और सुबह उठने की भी आदत बहुत अच्छी थी। एक तो पहले इसे दिमाग खुलता था और ज्यादा कुछ सोच पाते थे।
आजकल तो लोग बहुत देर से सोते हैं और देर से उठते हैं ।सुबह टहलने घूमने जो करने की तो आदत जैसे खत्म हो गई है, पर यह कोई अच्छी बात नहीं है। लोग देर से उठते हैं जिसके कारण वह सुबह ना तो व्यायाम कर पाते हैं और ना ही अपना दिन के बारे में सोच पाते हैं। अगर यही चीज लोग के मन में बैठ जाए कि सुबह उठना है सुबह सुबह से उठकर अपना सारा काम कर लेंगे।
शुभ योग करने के साथ-साथ उनका मन फ्रेश तो होगा ही साथ ही उन्हें अपना दिन के बारे में सोचने का पर्याप्त समय भी मिल जाएगा। योग कई प्रकार के होते हैं। टहलना भी एक योगी है इससे शरीर के सब अंग में खून और ऑक्सीजन पर्याप्त पहुंचता है वित्त विभाग में परेशानियां नहीं होती हैं। इसके अलावा खेलना कूदना यह सब भी एक योग है। बच्चे लोग नहीं करते लेकिन वह खेलते और कूदते जरूर हैं इससे उनके शरीर में वह जरूरत पूरी हो जाती है जो होनी चाहिए।
अक्सर हम डॉक्टरों से सुनते हैं कि थोड़ा-थोड़ा योग करना चाहिए जब भी कोई ,कोई बीमारी लेकर जाता है तो डॉक्टर उसे चलने या टेहेलने को कहते हैं। पूरे साल में 1 दिन योगा के लिए भी दिया गया है जिसे कि हम “इंटरनेशनल योगा डे” से जानते हैं।हमारा सबसे पहला काम यह होना चाहिए कि सुबह उठकर थोड़ा सा कसरत करें और फिर जो अपना काम है वह पूरा करें।
हमारे शरीर को तो सुबह चाहिए होता है वह हमें इसी से प्राप्त हो जाएगा और बीमारियां होने की चांसेस कम है। अधिकतर महिलाओं को कहा जाता है कि हल्का टहलना ले चलना चाहिए पर ज्यादा जोर से नहीं इसलिए क्योंकि उनकी हड्डी कमजोर होती है, उनके लिए टूटने का खतरा ज्यादा है। इससे हमें पता चलता है की कुछ भी नियंत्रण में करना चाहिए वो योग ही क्यों ना हो हमें हमारी क्षमता से ज्यादा योग भी नहीं करना चाहिए क्योंकि वह हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है।
योग तो कई प्रकार के होते हैं जैसे प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, कपालभाति, अनुलोम विलोम, अष्टांग योग इत्यादि और इसी के बहुत सारे भी ने प्रकार और हैं। इसी में बहुत सारे लोग होते हैं जिन्हें हम अपने जरूरत के हिसाब से कर सकते हैं। हमें पूरी जानकारी लेने के बाद ही ऐसी योग करने चाहिए जो कि हमें लग रहा हम नहीं कर पाएंगे। क्योंकि ऐसा अक्सर होता है कि वह चीज हमारे लिए हानिकारक साबित हो सकती है। योग मन को शांति पहुंचाता है साथ ही बीमारियों को दूर रखता है उसके अलावा यह हमें प्रकृति की जोड़ता है। इसके अलावा यह हमारा थकान स्ट्रेट और दिमाग की कई बीमारियां से छुटकारा दिलाता है।
योग पर 300 शब्दों का हिंदी निबंध
योग एक ऐसा माध्यम है जो कि हमारे मन और शरीर को जोड़ता है। योग की महत्व तो हम सब जानते हैं, पर अगर गौर किया जाए तो यह कई चीजों में हानिकारक है। आजकल के नए-नए तरीके के थेरेपी आने लगे हैं जो कि एक योग की तरह ही हमारे शरीर में फायदा करता है।
हम लोगों ने अक्सर फिजियो थेरेपी का सुना होगा तो क्या हमें कभी सोचा कि यह है क्या। दरअसल यह कुछ नहीं बल्कि एक योग का ही पार्ट है। यह सब फिर भी मैं कुछ नहीं बल्कि उन आंखों पर काम किया जाता है जो कि बाकी अंगों से खराब होती है। और इसे ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। बहुत अच्छी चीज होती है क्योंकि इनमें दवाइयों का सेवन नहीं करना पड़ता है जिससे हमारे शरीर में कोई हानि भी नहीं होती है। अक्सर लोग भी ऐसे ही काम करता है वह बीमारी ना हो इसीलिए हमें पहले से ही स्वस्थ कर देता है। अक्सर हमने देखा हुआ है कि लोग जो बीमार पड़ते हैं तभी वह योग करते हैं लेकिन यह नहीं होना चाहिए।कुछ भी चीज अगर समय पर कर ले तो वह ज्यादा फायदेमंद होती है।
योग अलग-अलग प्रकार के होते हैं बहुत आसान होते हैं कुछ कठिन और कुछ ऐसे होते हैं जो कि सब आदमी उसे नहीं कर पाते हैं। हमें यह मन में बैठा लेना चाहिए की हर चीज हमारे से नहीं हो सकती है पर हम कोशिश जरूर कर सकते हैं लेकिन उससे अगर हानि ज्यादा होने लगे तो उसे एकदम बंद कर देना चाहिए। कुछ सरल योग जैसे वृक्षासन,पदासना,ताड़ासन, नौकासन यह सब अब अपनी शरीर के हिसाब से कर सकते हैं।
कुछ योगा जैसे सिरसा पदासाना, सायानासना यह सब थोड़ा कठिन होता है और इसे जबरदस्ती बिल्कुल नहीं करना चाहिए। योगा अच्छा तो है लेकिन वह छती भी पहुंचा सकता है। लोगों को यह बात गौर करना चाहिए कि सबसे ज्यादा कुछ भी मेहनत और योग ना करें इससे अन्य रोग होने की संभावना हो जाती है। इसीलिए गौर रखते हुए हमें यह तय करना है कि कौन सा योग हमारे लिए फायदेमंद होगा। और कोई भी योग ,या उसका काम और उसको करने समय क्या एतिहात बरतना चाहिए ये सब हमें मालूम होना चाहिए।