आज के इस भाग दौड़ भरी जीवन में मनुष्य का जीवन रोजमर्रा के कार्य और तनाव से भरा पड़ा है। और अगर आपको अपने जीवन के परेशानी और तनाव से दूर होना है तो आप किसी भी उम्र के हो आपको खेल के प्रति रूचि बढ़ाना चाहिए। खेल से आप अपने शारीरिक क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं साथ ही आप अपनी मानसिक तनाव और परेशानियों को भी दूर कर सकते हैं।
खेल का मतलब ही होता है “शारीरिक और मानसिक गतिविधियों का विकास”। खेल हमें मदद करता है चुस्त और दुरुस्त रहने में इसलिए सभी को ही अपने रोजमर्रा के जीवन से थोड़ा भी समय निकाल कर खेल पर देना चाहिए, ताकि आप अपना स्वास्थ्य तो बना ही सके साथ ही साथ अपने परिवार के साथ घुलने मिलने का मौका भी मिलता है। कई मामलों में यह आपको समाजिक होने का भी मौका भी देता है।
खेल लगभग सभी उम्र के लोगों को या फिर वह लड़के हो या लड़कियां हो सभी को पसंद आता है, कोई से खेलना पसंद करता है तो कोई से देखना। इस बदलते दौर में आधुनिकता ने खेल को अंतरराष्ट्रीय आयाम तक ले आया है। लोग खेल को खेलना तो पसंद करते ही हैं साथ ही साथ वह अपने घरों में अपने परिवार के साथ बैठकर अंतरराष्ट्रीय खेलों का टीवी पर प्रसारण होने वाली प्रोग्राम का लाभ उठाते हैं।
खेल को हम अक्सर मनोरंजन के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक गतिविधियों का विकास करते हैं। खेल कई तरह के होते हैं उसे हम उसके कार्यों और नियमों के आधार पर अलग-अलग नाम से जानते हैं। खेल मनुष्य के अंदर एकाग्रता, प्रेरणा अनुशासन, साहस और कई सकारात्मक व्यवहार उत्पन्न करता है।
चुँकी खेल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं, आज विद्यालयों और महाविद्यालयों में भी इसे खेलने के लिए बच्चों में जागरूकता फैलाई जा रही है। बच्चों छात्रों में खेल के प्रति उत्साह रखने के लिए विद्यालय और महाविद्यालय में कई तरह के प्रतियोगिता कराई जाती है और उसमें छात्रों के जीतने पर उन्हें इनाम से भी पुरस्कृत किया जाता है। और खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समाज में यह सब आवश्यक भी है ताकि बच्चे अपने मनोरंजन के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का भी विकास कर सकें।
आज के इस दौर में खेल देश के विकास में भी बहुत बड़ा योगदान दे रहा है। खिलाड़ी अपने देश के गौरव के लिए भी खेल जगत में अच्छे काम और विरोधी देशों से जीत कर अपने देश का गौरव और सम्मान का परचम लहराते हैं।अगर कोई भी व्यक्ति नियमित रूप से खेलता है तो उसे कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
आज देश की सरकार ने भी खेल को बढ़ावा देने के लिए बच्चों में कई तरह के स्कॉलरशिप का भी प्रावधान रखा है ताकि बच्चे अपने प्रतिभा को उजागर कर देश का भी दुनिया में यस बढ़ाएं।
अगर आप किसी भी खेल में रुचि दिखाते हैं तथा उससे रोजाना अभ्यास करते हैं तो निश्चित ही आप खेल से ही अपना एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। खेल से मनोरंजन और स्वास्थ तो बनता ही है साथ ही व्यक्ति अनुशासित भी होता है। खेल आपको कठिन से कठिन परिस्थितियों का आसानी से सामना करना भी सिखाता है।
खेल से हमारे स्वास्थ्य तो बनता ही है हम साथ में अपने बौद्धिक सामाजिक भावनात्मक और मानसिक गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। मेरा मानना है कि कोई भी खेल किसी भी उम्र के लोग को खेलते रहना चाहिए क्योंकि यह आपको स्वस्थ रखता है।खेल कई प्रकार के होते हैं जैसे किक्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, बॉस्केट बॉल, वॉलीबॉल, टेनिस, दौड़, रस्सी कूद, ऊँची और लम्बी कूद, डिस्कस थ्रो, बैडमिंटन, तैराकी, खो-खो, कबड्डी, आदि है। भारत देश का राष्ट्रीय खेल “हॉकी” है।
• खेल जगत के भारत के कुछ प्रसिद्ध खिलाड़ी:-
1. ध्यानचंद, हॉकी
2. मिल्खा सिंह, एथलीट
3. सचिन तेंदुलकर, क्रिकेट
4. विश्वनाथन आनंद, शतरंज
5. कपिल देव, क्रिकेट
6. बलबीर सिंह, हॉकी
7. प्रकाश पादुकोण, बैडमिंटन
8. अभिनव बिंद्रा, शूटिंग
9. सुनील गावस्कर, क्रिकेट
10. साइना नेहवाल, बैडमिंटन
• विश्व के कुछ महान खिलाड़ियों के नाम:-
1. टुन डे नूइजर [ नीदरलैंड, हॉकी ]
2.सोहेल अब्बास [ पाकिस्तान, फुटबॉल ]
3.ध्यानचंद[ भारत, हॉकी ]
4.रिक चार्ल्सवर्थ [ ऑस्ट्रेलिया, क्रिकेट ]
5.पॉल लिटजेंस [ नीदरलैंड, फुटबॉल ]
इतिहास:-
प्राचीन काल से ही कई तरह की खेलों की प्रक्रिया स्थापित हो चुकी थी। उस काल से ही कई तरह के खेलों को सांस्कृतिक तौर पर देखा जाने लगा। प्राचीन काल से ही चल रही कई तरह की खेलों की सांस्कृतिक गतिविधि आज जिसने दौर में भी शारीरिक मानसिक और मनोवैज्ञानिक विकास को बढ़ावा दे रहा है।
चीन से प्राप्त कलाकृतियों से यह मालूम पड़ता है कि चीन 4000 ईसा पूर्व खेल की गतिविधियों में शामिल है।और उससे यह जान पड़ता है कि उस काल में वहां जिमनास्टिक लोकप्रिय खेल था।
उन्हें कलाकृतियों से यह भी संकेत होता है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग प्रकार के खेल प्रचलित हुआ करता था। जैसे मिस्र देश में भाला फेंक, ऊँची कूद और कुश्ती, फ्रांस के खेल में “जौरखानेह”, ईरानी में मार्शलों आर्ट जैसे खेल शामिल थे। दुनिया में हो रही ओलंपिक गेम्स आज कई सदियों से चली आ रही है। ओलंपिक खेल को सर्वप्रथम यूनान से पहचान मिली है। जोकि उस वक्त ओलंपिया के नाम से जाना जाता था।
भारतीय खेलों की व्याख्या भी प्राचीन काल से ही की जाती है, इसका उल्लेख हमारे प्राचीनतम ग्रंथों से मिलता है। निशानेबाजी, खो-खो, कबड्डी, क्रिकेट, रथ दौड़, चौपड़ जैसे कुछ प्रमुख खेलों का उल्लेख मिलता है।
निष्कर्ष:-
खेल हमारे स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ हमें अपनी जीवन को उर्जावान बनाना सिखाता है। और हमें अपने जीवन में होने वाली परेशानियों और कठिनाइयों से राहत पाने मैं भी हमें मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से मजबूती प्रदान कराता है। मनुष्य अपनी जीवन में शिक्षा और खेल को साथ में रखकर अपनी रोजमर्रा के जीवन को सुधार कर अनुशासित भी रख पाता है।
आज के इस नकारात्मकता भरी दुनिया में खेल आपको सकारात्मकता से परिपूर्ण कर देती हैं। आज दुनिया के लोग शरीर के कई बीमारियों से परेशान हैं।लेकिन जो व्यक्ति अपनी रोजमर्रा के जीवन में खेल को नियमित रूप से अभ्यास करता है, वह व्यक्ति अपने जीवन में होने वाली परेशानियों से छुटकारा पाता है तथा समाज में भी वह व्यक्ति सकारात्मकता बनाए रखता है। खेल और क्रीडा करने वाले व्यक्ति सकारात्मक तो बनता ही है साथ में उसकी स्मरण शक्ति भी औरों के मुताबिक बहुत ही अच्छी होती है।