आज आपको यहां पर जज से संबंधित तमाम जानकारियां मिलेगी। आखिर सबके मन में जिज्ञासा होती है जज बनने की प्रक्रिया के बारे में जानने की। यूं तो आसान नहीं होती घर के मेज पर हथौड़ा ठोकने से कोर्ट के मेज पर हथौड़ा ठोकना। काफी संघर्ष और मेहनत के बाद यह अवसर मिलता है। तो चलिए कुछ प्रश्नों और उनके उत्तर के साथ हम उन तमाम जानकारियों के बारे में ज्ञान की प्राप्ति करते हैं।
कितने प्रकार के जज होते हैं?
चार प्रकार के जज होते हैं, नीचे निम्नलिखित जज छोटे से बड़े पदों अनुसार लिखे गए हैं –
- मेजिस्ट्रेट जज
- डिस्ट्रिक्ट जज
- हाई कोर्ट जज
- सुप्रीम कोर्ट जज
जज बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़े क्या होती है?
कोई भी जज बनने के लिए एक लॉ की डिग्री होना अत्यंत जरूरी होती है। जिसे आप किसी भी लॉ कॉलेज से तीन साल की डिग्री के बाद के सकते हैं या फिर पांच साल की डिग्री के बाद भी के सकते हैं। जज बनने के समय यह नहीं देखा जाता है कि आप किस यूनिवर्सिटी से हैं बल्कि यह देखा जाता है कि वह कॉलेज बीसीआई(बार काउंसिल ऑफ इंडिया) से मान्यता प्राप्त है या नहीं।
एलएलबी करने के लिए भारत में दो तरीके हैं
- बारहवीं के बाद पांच साल का सम्मिलित कोर्स कर सकते हैं।
- ग्रेजुएशन के बाद कोई व्यक्ति किसी भी विषय से पढ़ाई किए हो वो सभी एलएलबी कर सकते हैं।
जज बनने के लिए उम्र सीमा और योग्यता?
1 मेजिस्ट्रेट जज:-
योग्यता:- बी ए एलएलबी / एलएलबी
आयु:- 21 – 35 उम्र
भारत के हर राज्य में न्यायतंत्र की परीक्षा ली जाती है। चाहे यूपी हो या वेस्ट बंगाल हर राज्य पर इसकी फॉर्म निकली जाती है।
2 डिस्ट्रिक्ट जज:
योग्यता:- भारत का नागरिक होना अत्यंत जरूरी है और साथ ही सात साल वकालत का अनुभव होना चाहिए।
आयु:- 35 – 45 उम्र। ( बहुत से राज्यों पर भी आयु सीमा निर्भर करती है)
3 हाई कोर्ट जज:
योग्यता:- भारत का नागरिक होना जरूरी है। यदि किसी का अनुभव दस साल तक हाई कोर्ट में वकालत की है या दस साल न्यायतंत्र विभाग की है तो वैसे लोग हाई कोर्ट के लिए सक्षम माने जाते हैं।
आयु:- वैसे तो कोई आयु सीमा नहीं होती है परन्तु 62 उम्र होते ही उन्हें रिटायरमेंट दे दी जाती है।
4 सुप्रीम कोर्ट जज:
योग्यता:- दस साल किसी भी राज्य में हाई कोर्ट में वकालत या किसी भी हाई कोर्ट में पांच साल तक जज या जिन व्यक्ति को लॉ का संपूर्ण ज्ञान हो।
आयु:- रिटायरमेंट की आयु 65 उम्र तक होती है।
सुप्रीम कोर्ट के जज कैसे बनते हैं?
भारत में मुख्य न्यायाधीश का चुनाव भारत के राष्ट्रपति के द्वारा भारतीय संविधान के अधिनियम संख्या 124 के दूसरे सेक्शन के अन्तर्गत किया जाता है। यह पद भारतीय गणतंत्र का सबसे ऊंचा पद होता है। इस पद के लिए मनोनीत व्यक्ति का उच्च पद पर होना अनिवार्य होता है। सभी जरूरी चीजों का अवलोकन कर हमारे राष्ट्रपति मुख्य न्यायधीश का चुनाव करते हैं।