मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध

ऐसा माना जाता है कि खेल की शुरुआत मानव जीवन के साथ ही शुरू हो गई थी। यह हमारी पौराणिक धरोहर है।जैसे ही हमारा जन्म हुआ था हमने तब से ही खेलना भी शुरू कर दिया था। अक्सर बैठे-बैठे बोर हो जाने पर मन मे एक ही ख्याल आता है। कुछ खेलते हैं, कुछ खेल ऐसे हैं जिन्हें बैठे बैठे ही खेला जा सकता है जैसे अंताक्षरी, लूडो, कैरम इत्यादि किंतु यदि आप घर में बैठे बैठे उब चुके हैं और आपको बाहर जाकर खेलना है तो ऐसे में आप कई सारे खेल खेल सकते है जैसे क्रिकेट, कबड्डी, बेडमिंटन आदि। खेल सिर्फ अब खेलने मात्र ही नहीं रह गया है। इसकी वजह से कई सारे लोगों को अपना नाम बनाने का मौका मिला तथा अपनी जिंदगी को सवरने का अवसर भी प्राप्त हुआ जैसे सानिया नेहवाल, पी बी सिंधु ऐसे और कई खिलाडी हैं जिन्हे बैडमिंटन खेल के कारण ही जाने जाते है। पहले के मुकाबले अब खिलाड़ियों की इज़्ज़त और कमाई दोनों अच्छी है। खेलों के बढ़ जाने से तथा नए नए खेल और खिलाड़ियों के आ जाने से आज खेल का एक अलग ही महत्व बन चुका है। तथा कई लोगों ने खेलों के जरिए अपना नाम बनाया है जैसे सचिन तेंदुलकर, धोनी, विराट कोहली, जैसे कई और महान खिलाड़ियों ने खेलो के जरिए अपने नाम बनाया है। कई लोगों को सिर्फ खेल के जरिए ही जाने जाते है उन्हें उन खेलो का दिग्गज माना जाता है।

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वैसे तो लोगों के बहुत से प्रिय खेल होते हैं जैसे क्रिकेट, खो खो, लूडो गिल्ली डंडा, वॉलीबॉल, फुटबॉल, टेनिस परंतु मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन है।तो आज बात करते हैं मेरे प्रिय खेल बैडमिंटन के बारे मे। बैडमिंटन एक ऐसा खेल है जो की हमारे देश की तो नहीं है। परंतु पूरे विश्व में इस खेल को खेलना बहुत पसंद किया जाता है।
भले ही बैडमिंटन हमारे देश का खेल नहीं है।परंतु इस खेल के जरिए लोग बहुत आगे बढ़ चुके हैं। बैडमिंटन प्राचीन खेलों में से एक है पूरे विश्व के लोग इसे खेलना काफी पसंद करते हैं। इस खेल की एक अच्छी बात यह है कि यदि हम किसी प्रतियोगिता में बैडमिंटन नहीं खेल रहे हैं तो हम अपने जरूरत के हिसाब से इसके नियम बना व बदल देते हैं। आइए इस बारे में अच्छे से व विस्तार से जानते हैं।

किससे मिलता है बैडमिंटन का खेल

बैडमिंटन का खेल बहुत सा टेबल टेनिस से मिला-जुला है। जिस तरह टेबल टेनिस में दो बैट और बाॅल की जरूरत होती है। ठीक उसी तरह बैडमिंटन खेल में भी दो रैकेट और एक शटल कोक की जरूरत होती है। परंतु टेबल टेनिस में बीच में एक टेबल रखी होती है जिस पर नेट लगी होती है और बैडमिंटन में जमीन से ही नेट लगाई जाती है। इस खेल में बाल को टेबल पर एक खिलाड़ी दूसरे को देता है और दूसरा खिलाडी पहले को वही बैडमिंटन में शटल कोक के साथ भी यही किया जाता है।

बैडमिंटन का इतिहास

बैडमिंटन खेल को खेलने की प्रक्रिया ब्रिटिश भारत से शुरु हुई थी।यह सबसे ज्यादा प्रिय कुलीन वर्ग के लोगों को था।यह अंग्रेजी अधिकारीयो द्वारा बड़ा पसंद किए जाने वाला खेल था।यह उनके मनोरंजन का एक बहुत बड़ा साधन हुआ करता था। पुराने लोग अपने खाली समय में अक्सर बैडमिंटन को खेला करते थे।

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बैडमिंटन खेल विश्व में कैसे फैला

बैडमिंटन ब्रिटिश भारत से बाहर उन अधिकारियों के साथ पहुंचा जिन्होंने रिटायरमेंट लेने के बाद देश छोड़कर अलग-अलग देशों में चले गए।तब वह अपने साथ बैडमिंटन के खेल को भी ले गए। कुछ इस तरह बैडमिंटन देश विदेश में पहुंचा और इसी प्रकार से विश्व में बैडमिंटन की पहचान बनी।

कैसे खेलते हैं बैडमिंटन

वैसे तो यह खेल दो लोगो द्वारा खेली जाती है। परंतु कभी-कभी यह चार लोगों द्वारा जोड़े में भी खेली जाती है। इस खेल को खेलने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं है। इसमे खेल की जगह को दो बराबर हिस्सो में बांटा जाता है और बीच में एक नेट लगा दी जाती है। दोनों तरफ से खिलाडी शटल कोक को बैडमिंटन रैकेट से मारकर हवा में उछालते हैं। जिसने शटल कोक को कम बार गिरने दिया है।वह विजेता कहलाता है।

बैडमिंटन के कुछ खास तथ्य

बैडमिंटन की शुरुआत 19 वीं सदी में हुई थी। पहले के मुकाबले अब हर चीज मे परिवर्तन आ चुका है। ठीक उसी तरह बैडमिंटन खेल में भी बहुत सारे परिवर्तन आ गए हैं। आइए बात करते हैं बैडमिंटन के कुछ खास तथ्य एवं उसमे आए हुए परिवर्तनो के बारे में।

1) पहले शटल कोक पूरी लकड़ी से बनी होती थी। बाद में जब इस मे पंख लगाए गए और इसकी उड़ान को देखा गया तब लकड़ी की जगह पंखो वाले सटल कोक का प्रयोग होने लगा।

2) पहले हवा चलने या वर्षा होने पर लोग ऊन से खेलते थे।परंतु बाद में शटल कोक के आ जाने से लोगों ने ऊन से खेलना बंद कर दिया।

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3) 1899 मे ऑल इंग्लैंड ओपन चैंपियनशिप की शुरुआत हुई थी जिसमें बैडमिंटन का खेल भी शामिल था।

4) 1873 मे बैडमिंटन खेल को “बैडमिंटन का खेल” कहां जाता था।परंतु बाद में इसका अधिकारारक नाम “बैडमिंटन” रख दिया गया।

5) सन 1992 मे बैडमिंटन को एक ओलंपिक खेल के रूप में आयोजित किया गया था।

बैडमिंटन खेल से शरीर को क्या क्या फायदे होते हैं?

खेल चाहे कोई भी हो परंतु हर एक खेल से शरीर को कोई ना कोई फायदा अवश्य पहुंचता है। जैसे यदि आप पकड़म पकड़ाई का खेल खेल रहे हैं तो इससे आपके भागने की क्षमता बढ़ती हैं, शरीर फुर्तीला होता है। ठीक उसी तरह बैडमिंटन के खेल को खेलने से आपको कौन कौन सा फायदा होता है इसके बारे में बताते हैं।

1) इस खेल को खेलने से मांसपेशियां मजबूत होती है।

2) बैडमिंटन खेलने से दिमाग व मन को शांति मिलती है।

3) इस खेल को खेलने से शरीर में पूर्ण रुप से विकास होता है।

4) मोटापे को कम करने के लिए भी इस खेल का उपयोग किया जाता है।

5) यदि एकाग्रता की कमी है तो यह खेल बहुत ही फायदेमंद है।