नंबी नारायण कौन है? एक जासूस कांड जिसने भारत को दशाको पीछे धकेल दिया

नंबी नारायणन (Nambi Narayanan) जासूसी कांड जिसने भारत को अंतरिक्ष के फील्ड में दशकों पीछे धकेल दिया। नंबी नारायणन कौन है? ये अगर आपको नहीं पता तो हमारे लिए शर्म की बात है की आपको अपने देश के इतने बारे scientist के बारे में नहीं पता। क्या नंबी नारायणन एक जासूस है या सच्चे देश भक्त है?

नंबी नारायणन के बारे में अच्छे से जानने के लिए इनपे बानी movie rocketry the nambi effect आपको जरूर देखनी चाहिए। हिंदी वार्तालाप के इस पोस्ट में आपको नंबी नारायणन जी के बारे में जुड़ी कुछ general knowledge or hindi facts बताएँगे। तो चलिए जानते है नंबी नारायणन जी के बारे में।

नंबी नारायणन कौन है?

नंबी नारायणन इसरो scientist और aerospace engineer हैं जिन्होंने 1966 में isro को join किया था तब isro का नाम INCOSPAR था। 

सन 1969 में नासा से उन्हें फेलोशिप भी मिली। न्यू जर्सी प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से उन्होंने chemical Rocket Propulsion में मास्टर डिग्री भी प्राप्त की थी। 

नंबी नारायणन जी इतने intelligent थे की उन्होंने Professor Luigi Crocco के अंदर बस दस महीने में ही thesis ख़तम कर दी थी जब की अच्छे अच्छे लोगो को 2-3 साल और उससे भी जयादा का समय लग जाता था।

उन्हें अमेरिका से नौकरी का ऑफर भी मिला लेकिन नंबी नारायणन जी उस नौकरी को ठुकरा करके भारत लौट आए। इतना  ही नहीं भारत आने के बाद उन्होंने वापस से isro join किया।

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नंबी नारायणन जी इतने futurist थे की जब isro के सभी scientist solid-fuelled engines के बारे में सोच रहे थे तभी नंबी नारायणन जी अंतरिक्ष क्षेत्र में रॉकेट में लगने वाले liquid-fuelled engines के महत्व को पहले ही समझ लिया था।

क्युकी liquid-fuelled engines solid-fuelled engines के मुकाबले ज्यादा fuel-efficient होता है उनको आसानी से on-off किया जा सकता है, heavier rocket satellites को लेजाने में capable होता है, और भी बहुत सरे advantages है।  

नांबी दुनिया के इकलौते ऐसे अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं, जिनके द्वारा बनाया गया अंतरिक्ष इंजन ‘विकास’ आज तक एक भी लॉन्चिंग में फ़ेल नहीं हुआ है। इस इंजन का नाम उन्होंने ‘विक्रम साराभाई’ के नाम पर रखा था।

इसलिए इनको भारत का Father of Liquid Propulsion engine technology कहा जाता है। फिर इसके बाद जब जी advanced Cryogenic Engine पे काम करना स्टार्ट किया तब उनकी ज़िन्दगी पूरी तरह से बदल गयी।

नंबी नारायण ISRO जासूसी कांड क्या है?

नंबी नारायण जी cryogenic program के प्रमुख थे और वह चाहते थे कि ये टेक्नोलॉजी भारत में जल्द से जल्द आए।

1992 से पहले भारत को अपने स्पेस मिशनों को पूरा करने के लिए विशेष प्रकार के क्रायोजेनिक ईंजन की टेक्नोलॉजी के लेन के लिए रूस से एक agreement किया था लेकिन बाद में western countries की दबाओ में ये agreement नहीं हो पाया था। 

उन देशों को डर था कि अगर भारत को यह टेक्नालॉजी मिल जाती है तो उनका करोड़ों का नुकसान हो जाएगा और भारत उनसे space field में आगे निकल जायेगा।

नंबी नारायणन जी Vikram Sarabhai जिनको isro का founding father भी कहा जाता है और हमरे former president apj abdul kalam के साथ भी काम किया है।

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Isro आज जिस जगह पे है उसमे नंबी नारायण जी का भी बहुत बारे योगदान है। इतना बारे योगदान की america और दूसरे western countries इनको बर्बाद करने और भारत को Cryogenic Engine की technology न मिले इसके लिए साजिश रची थी। जिसमे साजिस में हमारे देश के कुछ लोग भी शामिल थे।

साल 1994 में केरल पुलिस ने नारायणन को फर्जी केस में देश द्रोह के नाम पर फंसाया था। इस दौरान नारायणन जी के साथ एक और scientist डी. शशिकुमारन को भी फर्जी तरीके से फंसाया गया था।

नंबी नारायणन जी देश के सबसे होनहार अंतरिक्ष वैज्ञानिकों में से एक हैं, लेकिन इस संघर्ष में जितना व्यक्तिगत नुक़सान उनका हुआ उतना ही देश का भी हुआ। कुछ लोगों की साजिश के चलते नंबी नारायणन के जेल जाने के बाद भारत space science में दशकों पीछे चला गया था।

इतना सब कुछ होने के बाद ख़ुद पर लगे आरोपों से बरी होने के बाद नंबी नारायणन जी ने वापसी कर देश को फिर से दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की दौड़ में शामिल कर दिया।

नंबी नारायणन जी के बारे में योगदान के लिए केंद्र की bjp sarkar ने 2019 में Padma Bhushan से सम्मानित किया। Padma Bhushan हमारे देश का third highest civilian award है।