।। दृष्टिकोण ।। पर कहानी

किसी गांव में एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था। उनके एक पुत्री एक पुत्र था। किसान के पास एक खेत था जिसका एक भाग ही जमीन था और तीन भाग में एक बड़ी सी चट्टान फैली हुई थी। किसान के जीवन यापन के लिए यह जमीन ही एकमात्र सहारा था। वह उसी एक भाग में कड़ी मेहनत करके फसलें उपजाता और अपने परिवार की किसी तरह भरण पोषण करता था।

किसान जब जब खेत में जाता उस चट्टान पर बैठकर सोचा करता यदि खेत में ये चट्टान नहीं होता तो हमारी फसल तीन गुना और बढ़ जाती यह बात वह हमेशा घर में भी आकर अपने परिवार के सामने रखता और इस चट्टान के जमीन पर होने के कारण हमेशा अपनी किस्मत पर रोता था।
पत्नी किसान को यह बात कह के शांत कर देती कि किस्मत में जितना दिया है उतने से ही जीवन जीना पड़ेगा चट्टान इतनी बड़ी है की हम कुछ कर नहीं सकते।

धीरे धीरे किसान के बच्चे बड़े होने चले थे। बेटी की शादी की रिश्ता भी दो चार जगह हो चुकी थी। परंतु बात दहेज के लिए आकर रुक जाती थी। लाख कोशिश करने पर भी किसान को कहीं से भी उतनी पैसा का जुगाड़ नहीं हो पा रहा था जिससे वह अपनी बेटी की शादी किसी तरह करा सके।
किसान का बेटा सबसे छोटा था तथा घर की हालत को देखकर हमेशा दुखी रहता था। परंतु अपने दुख को परिवार के किसी सदस्य को महसूस नहीं होने देता। वह हमेशा सोचता रहता किसी भी तरह से परिवार में खुशियां लाई जाए। वह हमेशा अपने माता पिता को समझाता की हर समस्या का समाधान कुछ ना कुछ होता है।

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एक दिन वह सुबह सुबह किसी को बिना बताए अपने खेत में गया तथा उस चट्टान में बैठकर अपने परिवार की दयनीय स्थिति को बदलने का उपाय सोचने लगा उसने बड़े ही ध्यान से उस चट्टान की ओर देखा एकाएक उसके मन में यह विचार आया कि अगर इस चट्टान को तोड़कर रोड़ी और कंकर बना दिया जाए तो इससे कितनी इमारते बनाई जा सकती है।

अब क्या था वह बड़ा ही खुशी से दौड़ते हुए अपने घर की तरफ गया उसने अपने पिता को लेकर शहर की इमारत बनाने वाले के पास गया। इमारत बनाने वाले को अपने साथ लाकर चट्टान दिखाया चट्टान उच्च क्वालिटी का था तथा उससे अच्छे रोड़ी और कंकर बन सकते थे। किसान ने वह चट्टान बेचने की बात कही जिसको इमारत बनाने वालों ने तुरंत हामी भर दिया। बहुत जल्द ही काम शुरू हो गया।

जिस घर में रोटी बननी मुश्किल थी वहां कुछ ही दिनों में सोने चांदी की गहने दिखने लगी। बहुत ही जल्द किसान की बेटी की शादी एक संपन्न परिवार में हुआ तथा पूरा घर में खुशी का माहौल लौट के आ गया।

बात साफ है वही किसान और वही चट्टान फिर भी गरीबी बदलकर अमीरी कैसे आ गई? कारण था दृष्टिकोण। नकारात्मक दृष्टिकोण के कारण जो बेहद समस्या के रूप में दिख रहा था वही बेहद समाधान बन गया जब उसको सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा गया।